कितने राफेल गिरे ये सवाल तो सरकार से पूछा ही नहीं गया
मीडिया के सभी फॉर्मेट में इस सवाल पर जमकर बहस हुई है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के कितने राफेल मार गिराए. सिंगापुर में एक टीवी चैनल को दिया गया चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ यानि कि सीडीएस, जनरल अनिल चौहान के बयान को आधार बनाकर सबने मान लिया है और जान लिया है कि पाकिस्तान ने भारत के एक से ज्यादा राफेल विमानों को मारकर गिराया तो था. अब इसे लेकर कोई संदेह नहीं है. लेकिन इससे पहले भारत में इसको लेकर खूब सवाल पूछे गए. पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. भारत सरकार तो क्या इस मामले में पाकिस्तान सरकार ने भी खुलकर कुछ नहीं बोला.
पाकिस्तान ने क्यों की राफेल की तारीफ़
7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. उसी दिन पाकिस्तान के संसद में वहां के पीएम शहबाज शरीफ ने पांच भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया था. और कहा था कि इसमें तीन राफेल भी हैं. लेकिन इसके बाद पाकिस्तान भी राफेल मामले पर एकदम खामोश हो गया. और खामोश ही नहीं हो गया बल्कि कुछ दिनों में ही पाकिस्तान की तरफ से राफेल फाइटर विमानों की तारीफ़ भी की गई. पाकिस्तान के एयर वाइज़ मार्शल औरंगजेब अहमद ने कहा कि ये सच नहीं है कि राफेल एक खराब विमान है. राफेल भी उतना ही शक्तिशाली है. उन्होंने दोहराया, कि राफेल एक बहुत शक्तिशाली विमान है, अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए. तो औरगंजेब अहमद ने ये कहकर भारतीय फाइटर पायलट्स पर ठिकरा फोड़ दिया. उनके कहने का मतलब ये है कि भारतीय फाइटर पायलट्स जो कि उस दिन राफेल उड़ा रहे थे वो वेल ट्रेंड नहीं थे. ये कहने का क्या मतलब है भाई. तुम दुश्मन देश के लड़ाकू विमान की तारीफ़ आखिर क्यों कर रहे हो. कोई भी देश अपने दुश्मन देश के लड़ाकू विमान की तारीफ करता है क्या. कोई नहीं करता. एकदम साफ है कि 7 मई को पाकिस्तान के संसद में वहां के पीएम शहबाज शरीफ ने राफेल मार गिराने का जो दावा किया था उस दावे का अब वहां के एयर वाइज़ मार्शल कवरअप कर रहे हैं.
मुनीर को शाबासी क्यों ?
एकबात और भारत समेत पूरी दुनिया ने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले और दूसरे प्रहार में पाकिस्तान में कितनी तबाही मची. यहां तक कि पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े. इतना होने के बाद भी पाकिस्तान ने जनरल आसिम मुनीर को प्रोमोट करके फिल्ड मार्शल बना दिया. ऐसा क्यों और कैसे हुआ. आसिम मुनीर को किस बात की शाबाशी दी गई. युद्ध तो पाकिस्तान हार गया था. क्या आपको ऐसा नहीं लगता है कि आसिम मुनीर को भारत के फाइटर प्लेन मार गिराने का ही इनाम दिया गया है. क्या इस बात से हैरानी नहीं होती है कि आसिम मुनीर को इतना बड़ा इनाम मिल गया और वो इसका ठीक से बखान भी नहीं कर सका. क्या इससे ऐसा नहीं लगता कि कोई ऐसी ताकत है जो पाकिस्तान को खुलकर कुछ कहने से रोक रही है.
राफेल गिरने का खुलासा हो जाता तो क्या होता ?
इतना ही नहीं भारत में राफेल मार गिराए जाने को लेकर जो सवाल पूछे गए उसका जवाब अगर सरकार दे देती तो सवाल पूछने वालों को क्या मिल जाता. तो भारत सरकार ने भी क्यो कुछ नहीं कहा. भारत सरकार की ओर से ये कहा जाता रहा कि अपना नुकसान बताने से दुश्मन देश को फायदा हो जाएगा. क्या फायदा हो जाएगा भाई. पाकिस्तान के नेता झूठे हैं. वहां की सेना का आतंकवादियों से गठजोड़ है. ये तो पूरी दुनिया को पता है. भारत ने उसके आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर डाला ये भी पूरी दुनिया को पता है. पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की तो भारत ने उसके सैन्य ठिकानों की ऐसी-तैसी कर दी ये भी सबको पता है. फिर राफेल गिर जाने की बात से पाकिस्तान को क्या फायदा हो जाता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि जो ताकत पाकिस्तान को राफेल के मामले में खुलकर कुछ कहने से रोक रही है वही ताकत भारत को भी इस मामले में कुछ भी कहने से रोक रही है.
क्या सवाल भारत सरकार से पूछा ही नहीं गया था ?
एक बार फिर से हमें कहना पड़ रहा है कि मीडिया के सभी फॉर्मेट में ये खबर भी खूब चल रही है कि भारत के कितने राफेल गिरे हैं इसका जवाब दे देने से सवाल पूछने वालों को क्या मिल जाएगा. कहीं ऐसा तो नहीं कि सवाल पूछने वाला दरअसल भारत सरकार से सवाल नहीं पूछ रहा है. उसके निशाने पर तो वही ताकत है जो भारत और पाकिस्तान को खामोश रहने पर मजबूर कर रही है. क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि कितने राफेल गिरे हैं ये सवाल पूछने वाला दरअसल इसका जवाब चाहता ही नहीं है. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि वो ये चाहता हो, कि जिस तरह भारत और पाकिस्तान को खामोश किया गया है. उसे भी खामोश किया जाए. पाकिस्तान तो कंगाल नेशनल बैंक का मैनेजर बना हुआ है. उसे कैसे खामोश किया जा सकता है ये पूरी दुनिया को पता है. हो सकता है पाकिस्तान को वैसे ही खामोश किया गया हो. लेकिन पाकिस्तान को खामोश करेगा कौन और फिर भारत को कैसे खामोश किया गया होगा.
राफेल की बदनामी से किसको नुकसान ?
इसका जवाब ढूंढने जाएंगे तो सवाल खड़ा हो जाएगा कि आखिर राफेल गिरने की खबर प्रचारित होने से सबसे बड़ा नुकसान किसे हो सकता है. जाहिर सी बात है जो राफेल बना रहा है और पूरी दुनिया को ये कहकर बेच रहा है कि उसका ये विमान अद्भुत है. तो सबसे बड़ा नुकसान तो उसी का होगा ना. वो क्यों चाहेगा कि पूरी दुनिया में उसके प्रोडक्ट की बदनामी हो. दूसरा बड़ा नुकसान उन देशों को भी हो सकता है, जिन देशों ने बड़ी संख्या में राफेल खरीद रखा है और अपनी सेना की पहली पंक्ति में सजाकर रखा है. अगर ये खबर फैलेगी कि उनकी सेना की पहली पंक्ति के विमानों की दुर्गती हो रही है. तो फिर उनसे डरेगा कौन. वो तो चाहेंगे कि ये खबर दब जाए. वो सब देश पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर को फिल्ड मार्शल बनाए जाने पर ताली तो बजा रहे हैं और साथ में ये भी कह रहे हैं कि किसी बताना मत, कि तुम्हें फिल्ड मार्शल क्यों बनाया गया है.
राफेल को लेकर किसका दबाव ?
लेकिन सवाल ये है कि पाकिस्तान उनकी बात क्यों मानेगा. तो जवाब है कि राफेल खरीदकर अपनी सेना की पहली पंक्ति में सजाकर रखने वाले देशों में इस्लामिक सहयोग संगठन जिसे OIC के नाम से जाना जाता है वो देश भी बड़ी संख्या में शामिल हैं. कई यूरोपीय देश भी हैं. इन देशों से भारत के भी अच्छे संबंध हैं. ऐसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर भारत और पाकिस्तान यूरोपीय और खाड़ी देशों से गहराई से जुड़े हुए हैं. इनमें कुछ रक्षा सौदे और सैन्य अभ्यास भी हैं. और जब पूरी दुनिया में युद्ध के हालात बने हुए हैं ऐसे में कोई दोस्ती का वास्ता दे तो क्या उसे ठुकराया जा सकता है. एकदम नहीं. फिर सवाल पूछने वालों का क्या. क्या वो बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना हैं. नहीं, पर ये हो सकता है कि वो ये सोच रहे हैं कि जब कद्दू कट रहा है और सबमें बंट रहा है तो हम क्यों चूकें. हम तो उछल उछल कर पूछेंगे कि कितने राफेल गिरे. पर हमें बता मत देना. हमें तुमसे जवाब नहीं चाहिए. हमें तो कद्दू चाहिए कद्दू में हिस्सा चाहिए.